तेलगांना की राजधानी हैदराबाद में इन दिनों हरियाणा का भैंसा सरताज छाया हुआ है. आपको बता दें कि हैदराबाद के नारायणगुडा में आयोजित पशु मेले में देशभर से अलग-अलग नस्ल के पशु आए थे, मगर सबके आकर्षक केन्द्र ‘सरताज’ ही बना हुआ है. ‘सरताज’ को हरियाणा में देखने वालों की भीड़ उमड़ गई थी. वजह थी कि सरताज की कद-काठी।
आपको बता दें कि ‘सरताज’ रोजाना 5 किमी की सैर करता है. सात फीट के सरताज की सिर से पूंछ तक की लंबाई 15 फीट है. इसका वजन 1.6 टन मतलब 1600 किलोग्राम है. सरताज के भोजन के बारे में भी जानकर लोग हैरान हो जाते हैं. सरताज की देखभाल करने वाले शंकर यादव के मुताबित सरताज को रोजाना 7 तरह की दालें, एक किलो ड्राय फ्रूट, 10 लीटर दूध, दो दर्जन केले दिए जाते हैं. इसके अलावा हर दिन सरताज को पांच किलोमीटर की सैर करवाई जाती है।
वहीं 25 से ज्यादा पुरस्कार जीते शंकर यादव ने बताया है कि सरताज की दो बार तेल से मसाज होती है. इसको पिछले साल भी हैदराबाद के इस पशु मेले में 1.25 लाख रुपए का पुरस्कार मिला था. मेले के संयोजक अभिनंदन यादव ने बताया कि भैंसा सरताज मुर्राह नस्ल का है. हरियाणा में ये अब तक 25 से ज्यादा पुरस्कार जीत चुका है. हर साल मेले में सरताज जैसे भैंसों को लाया जाता है. पिछले साल यहां युवराज, दारा और शहंशाह भैसों को मेले में लाए थे।
आपको बता दें कि सरताज के साथ सेल्फी और तस्वीरें लेने के लिए लोगों में होड़ देखी गई थी.मुर्राह नस्ल का ये भैंसा सोनीपत के सैनीपुरा गांव के निवासी वीरेंद्र सिंह का है. वहीं इसे खरीदने के लिए कई लोग आ चुके हैं. जानकारी के लिए बता दें कि सरताज की कीमत 27 करोड़ रुपए लग चुकी है, लेकिन मालिक इसे बेचना नहीं चाहता।