उज्जै’न. ध’र्म ग्रं’थों में स्त्री औ’र पुरु’षों को लेक’र क’ई निय’म बता’ए ग’ए हैं। शा’स्त्र कह’ता है कि कु’छ का’म ऐ’से हैं जो महि’लाओं को न’हीं क’रना चा’हिए य’ह सि’र्फ पु’रुषों के कर’ने यो’ग्य हैं। इ’नमें से कु’छ का’म दि’खने में बहु’त ही स’रल हैं, महि’लाओं द्वा’रा उ’से न क’रने के पी’छे क’ई त’थ्य छि’पे हैं। जा’निए कौ’न-से हैं वो का’म…
. नारि’यल फो’ड़ना
नारि’यल के बा’रे में मा’ना जा’ता है कि य’ह ल’क्ष्मी औ’र उर्व’रा का प्रती’क है। इस’लिए शा’स्त्रों में महि’लाओं के लि’ए नारिय’ल फो’ड़ने की मना’ही है। आ’पने दे’खा भी हो’गा कि मंदि’रों औ’र दू’सरे शु’भ का’र्यों में सि’र्फ पु’रुष ही नारि’यल फो’ड़ते हैं महि’लाएं न’हीं।

2. ज’नेऊ धा’रण कर’ना
महि’लाएं ज’नेऊ ब’ना सक’ती हैं, लेकि’न जने’ऊ धा’रण का विधा’न सि’र्फ पुरु’षों के लि’ए है। महि’लाओं का यज्ञोप’वित न’हीं हो’ता है।

3. ब’लि दे’ना
देव’ताओं के लि’ए ब’लि प्रदा’न का का’र्य ह’मेशा पु’रुष कर’ते हैं। महिला’ओं के लि’ए इ’स का’र्य की मना’ही है।

4. हनु’मान जी की पू’जा
हनुमा’न जी को ब्रह्मचा’री मा’ना जा’ता है। इस’लिए हनु’मान जी की पू’जा तो महि’लाएं क’र स’कती हैं, ले’किन महि’लाओं के लि’ए हनुमा’न प्रति’मा का स्प’र्श क’रने की शा’स्त्रों में म’नाही है।

5. अ’केले य’ज्ञ क’रना
म’हिलाएं अ’केले मु’ख्य यज’मान के रू’प में य’ज्ञ न’हीं क’र स’कतीं। इ’सके लि’ए पु’रुष या’नी प’ति का हो’ना ज’रूरी है। इ’सी त’रह महि’लाएं अ’न्य धा’र्मिक का’र्य भी अके’ले न’हीं क’र स’कतीं।
