आप ट्रेन में तो जरुर बैठे होगे और आपने टनल भी जरुर देखी होगी ! लेकिन अब तो शहरों में सडको पर भी टनल बनाई गयी है और आपने बस में सफर करते हुए देखी भी होगी ! पर आपने ज्यादा लम्बी टनल कंही नही देखी होगी ! लेकिन अब दुनिया की सबसे लम्बी टनल बना दी गयी है ! और जिसे देखने के लिए आप उत्सुक भी होगे ! आपका ये सपना बहुत ही जल्द पूरा होने वाला है

दुनिया की सबसे लम्बी टनल भारत में बनाई गयी है ! प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी सितम्बर के अंत तक इस टनल का उद्घाटन करेंगे ! मनाली से लेह – लद्दाख की दुरी लगभग 46 किलोमीटर कम हो जाएगी ! इस टनल का नाम पर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के नाम पर ‘ अटल रोहतांक टनल ‘ रखा गया है ! इस टनल को बनाने में दस साल लग गये है !

यह दुनिया की सबसे लम्बी और ऊँची टनल है !यह टनल लगभग 8.8 किलोमीटर लम्बी है ! और 10 मीटर चौड़ी रोड टनल है ! 10,171 फीट की ऊँचाई पर बनी इस अटल रोहतांक टनल को रोहतांक पास से जोड़कर बनाया गया है ! इस टनल के अंदर 80 किलो मीटर प्रति घंटे की रफ्तार से कोई भी वहन जा सकेगा ! मनाली से लेह तक जाने के लिए 46 किलोमीटर दुरी कम होगयी है और आप सिर्फ 10 मिनट में यह दुरी तय कर पाएंगे ! इस टनल को बहुत ही खास तरीके से बनाया गया है जिसे इस टनल के अंदर से एक साथ 3000 कारे और 1500 ट्रक आसानी से गुजर सकते है ! लद्दाख में तैनात भारतीय फौजियों को इस टनल से बहुत फायदा होने वाला है ! जोजिला पास ही नही अब इस नये मार्ग से भी सामान की सप्लाई फौजियों तक हो जाएगी ! और सर्दियों में रसद और हथियार की सप्लाई भी करना भी आसान हो जायेगा !

इस टनल के अंदर अत्याधुनिक ऑस्ट्रेलियन टनलिंग मैथड का उपयोग किया गया है ! ऑस्ट्रेलियन तकनीक पर आधारित वेंटीलेशन सिस्टम भी है ! लगभग 4 करोड़ की लागत इसे बनाने में आई है ! इस टनल के अंदर CCTV लगाये गये है जो स्पीड और हादसे नियन्त्रण करने में सहायक होगे ! 200 किलोमीटर की दुरी पर टनल के अंदर एक फायर हाईड्रेट की व्यवस्था की गयी है ! ताकि आग लगने की स्तिथि में मदद मिल सके ! इस टनल पर बर्फ और हिमस्खलन का कोई बुरा प्रभाव न पड़ सके इसके लिए DRDO ने इस टनल का डिज़ाइन बनाने में मदद की है ! यह टनल हिमाचल प्रदेश के लाहौल स्पिति में भी यातायात को आसान कर देगी ! और कुल्लू मनाली से लाहौल स्पीती को भी जोड़ेगी !
28 जून 2010 को इस टनल को बनाने का काम शुरू किया गया था ! इस टनल का आकार घोड़े की नाल के जैसा बनाया गया है ! इस टनल को बोर्डर रोड आर्गेनाइजेशन के इंजीनियरों और वर्करो ने बहुत मेहनत करके बनाया है ! सर्दियों में यंहा पर तापमान 30डिग्री तक हो जाता है ! और ऐसे में काम करना बहुत ही मुश्किल होता है ! गर्मियों में रोजाना यंहा पर 5 मीटर तक खुदाई होती थी लेकिन सर्दियों में ये कम होकर आधा मीटर हो जाती थी ! 8लाख क्यूबिक मीटर पत्थर और मिटटी इस टनल को बनाने की दौरान निकले गये !