भारत में लॉकडाउन के बाद भी कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या बढ़ती जा रही है। बता दें पिछले 24 घंटे में भारत में कोरोना संक्रमण के 704 नए केस सामने आए हैं. मरीज़ों की संख्या बढ़कर 4,281 हो गई. कोरोना वायरस के के खिलाफ जंग में भारत के लोगों के लिए उम्मीद बना BCG वैक्सीन. जिसके वजह से बोला जा रहा हैं की इस वजह से ही भारत में मरने वालों की संख्या कम हैं.

कोरोना वायरस की रोकथाम को लेकर तमाम शोध किए जा रहे हैं. अमेरिकी शोधकर्ताओं की एक स्टडी में दावा किया गया है कि जिन देशों में बीसीजी (बैसेलियस कैलमैटे-गुएरिन) वैक्सीन का बड़े पैमाने पर इस्तेमाल हुआ है, वहां बाकी देशों के मुकाबले मृत्यु दर छह गुनी कम है.जॉन्स हॉपकिन्स ब्लूमबर्ग स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक्सपर्ट्स ने ये स्टडी की है. इन नतीजों को आर्काइव साइट मेडरिक्सिव पर प्रकाशित किया गया है. हेल्थ एक्सपर्ट्स की समीक्षा के बाद इसे मेडिकल जर्नल में प्रकाशित किया जाएगा.ये तो कहना मुश्किल है कि ये वैक्सीन दूसरे संक्रमणों से कितना बचाती है लेकिन ऐसा हो सकता है कि वैक्सीन से अंदरूनी प्रतिरोधक क्षमता ज्यादा बेहतर तरीके से काम करती हो.

बीसीजी वैक्सीन टीबी (ट्यूबरकुलोसिस) के खिलाफ इम्युनिटी विकसित करती है. टीबी बैक्टीरिया संक्रमण से होता है. डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती ट्रायल में पता चला है कि जिन लोगों ने बीसीजी का टीका लगवाया है, उनका इम्यूनिटी सिस्टम ज्यादा मजबूत होता है और वे दूसरों के मुकाबले संक्रमण के खिलाफ खुद को ज्यादा सुरक्षित रख पाते हैं. उदाहरण के तौर पर, अमेरिकियों पर किए गए एक ट्रायल में बताया गया था कि बचपन में दी गई बीसीजी वैक्सीन टीबी के खिलाफ 60 सालों तक सुरक्षा प्रदान करती है.