भारतीय जनता पार्टी गुजरात स्थानीय निकाय चुनावों में जीत की हैट्रिक लगाने की ओर बढ़ रही है. गुुजरात में छह नगर निगम की कुल 576 सीटों में से भाजपा को 409 पर जीत हासिल हो चुकी है, वहीं कांग्रेस को महज 43 सीटों पर कामयाबी मिली है. इन चुनावों में आम आदमी पार्टी उभर कर आई है और सूरत में 27 सीटों पर जीत दर्ज की है. कांग्रेस को सूरत में सबसे बड़ा झटका लगा है, जहां उसे एक भी सीट नहीं मिली. वहीं, आम आदमी पार्टी ने यहां आठ सीटों पर जीत हासिल की है। बसपा ने जामनगर में तीन सीटों पर कब्जा किया है.
अहमदाबाद की 192 सीटें, राजकोट में 72, जामनगर में 64, भावनगर में 52, वडोदरा में 76 और सूरत में 120 सीटों पर 21 फरवरी को चुनाव हुए थे. भाजपा ने अहमदाबाद में 62, राजकोट में 51, जामनगर में 50, भावनगर की 31 और वडोदरा में 61 व सूरत की 45 सीटों पर जीत दर्ज की है.वहीं कांग्रेस ने अहमदाबाद में 10, राजकोट में चार, जामनगर में 11, भावनगर में पांच, वडोदरा में सात सीटें जीती हैं। आप ने 470 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा था, आप ने अकेले सूरत में 27 सीटों पर जीत दर्ज की है.

विकास और जनता की जीत ‘निकाय चुनावों के नतीजे असल में पीएम मोदी द्वारा शुरू की गई विकास की राजनीति और जनता के भरोसे की जीत है. मतदाताओं और भाजपा कार्यकर्ताओं को इस जीत के लिए बधाई. यह गुजरात के लोगों की जीत है. गुजरात के लोगों ने विशेषज्ञों को यह दिखाया है कि सत्ता विरोधी लहर का सिद्धांत यहां लागू नहीं होता.
भाजपा पर भरोसे के लिए गुजरातवासियों का आभार दो दशकों से जनता की सेवा में जुटी भाजपा के लिए यह विशेष क्षण है. समाज के हर वर्ग से मिले समर्थन के लिए शुक्रिया. कड़ी मेहनत और इस प्रचंड जीत के लिए सभी कार्यकर्ताओं को बधाई. यह विकास की राजनीति पर लोगों के भरोसे की जीत है. राज्य सरकार की नीतियों का नतीजा है कि हर आयुवर्ग के मतदाताओं, खासकर युवाओं ने भाजपा पर भरोसा दिखाया है.
गुजरात में राजनीति का नया युग ‘गुजरात में आम आदमी पार्टी को सूरत में 27 सीटों पर मिली जीत के साथ ही गुजरातवासियों ने राजनीति के नए युग में प्रवेश किया है. इसके लिए सभी को दिल से बधाई. गुजरात की जनता भाजपा और कांग्रेस की राजनीति से आजिज आ चुकी है, ये लोग विकल्प तलाश रहे हैं और आप वह विकल्प बनकर उभरी है। जनता अब काम की राजनीति को वोट कर रही है.