उत्तर-पूर्वी दिल्ली में मा’रने वालों की संख्या 42 हो गयी है। दिल्ली में दं’गा प्रभावित इलाक़ों में लोगों में अभी भी डर बना हुआ है। लोगों के चेहरे पर डर साफ़ दिख रहा है। दिल्ली के करावल नगर में लोग बंद गली के गेट से बाहर नहीं आ रहे।ये वही इलाका है जहॉं ताहि’र हुसैन की वो इमारत है जो दंगे का केंद्र बनकर उभरा है।

ताहिर हुसैन के मकान से करीब 50 मीटर की दूरी पर कुछ महिलाएँ और पुरुष खड़े थे उन्होंने डर से बताया – “इन्होंने ट्यूशन से लौट रहीं हमारी बेटियों को भी नहीं छोड़ा और नं’गा करके भेजा। उनके सामने दंगाइयों ने कपड़े उतारकर अश्ली’ल हरकतें की। हम अपने पड़ोसी को कभी मा’रने की सोच भी नहीं सकते, लेकिन इनकी तैयारी से ऐसा लग रहा था कि यह हम सबको खत्म करना चाहते थे।”

एक बुजुर्ग महिला ने कहा, “देखो… हमारे दिलों में पाप नहीं है। ये मु’स्लिम भाई अब अपने घरों को छोड़कर चले गए। हम इनके घरों में आग भी लगा सकते हैं और ताला भी तोड़ सकते हैं, लेकिन हम हिंदू ऐसा कभी नहीं करेंगे। घटना के डर से हम न तो तीन दिन से सो रहे हैं और न ही कुछ खा-पी रहे हैं। यह दिल्ली को भी पाकिस्तान बनाना चाहते हैं, जो कि ऐसा कभी हो नहीं सकता, लेकिन अब हम इसका इलाज करके मानेंगे। यह चोर बिल्डिंग है। इसमें गुंडा’गर्दी होती है। इस इमारत को अब यहाँ नहीं रहने देंगे, इसे हम सरकार से तुड़वाकर ही दम लेंगे। चाँदबाग को इन्होंने अपना गढ़ बना रखा है।”