दिल्ली के तबलीगी जमात मरकज में शामिल हुए लोगों की वजह से देश के कोरोना संक्रमित मरीज़ों की संख्या बहुत ज़्यादा बढ़ गयी है। कोरोना के मरीजों की संख्या देश में अब काफी ज्यादा हो गई है।देश के अलग अलग क्वॉरंटीन सेंटर में जमातियों को रखा गया। जमातियों ने प्रशासन की नाम में दम कर रखा है. मरकज से जमातियों का बाहर नहीं निकलने का एक बड़ा कारण आया सामने.

निजामुद्दीन स्थित तब्लीगी मरकज मामले की जांच में एक और सनसनीखेज खुलासा हुआ है। अपराध शाखा की तफ्तीश में पता चला है कि जमातियों से मरकज प्रबंधन ने धार्मिक कार्यक्रम व अन्य मदों के नाम पर मोटी रकम ली थी, इसलिए उन्हें बाहर नहीं निकाला जा रहा था। बताया जा रहा है कि मरकज में जाने वाले हर जमाती से कैश में यह रकम लेकर बैंक में जमा की जाती थी। अब अपराध शाखा मरकज के बैंक खातों की जानकारी खंगाल रही है। रुपयों के लेनदेन और बैंक खातों की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कर सकती है। दिल्ली पुलिस इसके लिए कागजी कार्रवाई करने जा रही है.

शाखा के पुलिस मुख्यालय में बैठने वाले एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि मरकज में आने वाले हर जमाती से मरकज में रहने, खाने और धार्मिक शिक्षा देने आदि के बदले रुपये लिए जाते थे। जमाती की हैसियत देखकर ज्यादा से ज्यादा पैसा लिया जा रहा था. हालांकि इसकी कोई सीमा तय नहीं थी। रकम लेने के लिए मरकज में अलग से स्टाफ नियुक्त था. ये स्टाफ अंदाजा लगा लेता था कि कौन सा जमाती कितनी ज्यादा रकम दे सकता है। इसके बाद उससे उतनी ज्यादा ही रकम ली जाती थी.