जैसा की आप लोग जानते ही होंगे की निर्भ’या मामले में आरोपियों को सजा देने की तैयारी काफी तेज़ी से चल रही हैं. एक लड़की के साथ गलत करने वालों को उनके अपराध की सजा मिलने जा रही. जानकारी के अनुसार, ये फांसी 16 दिसंबर, 2019 को सुबह 5 बजे दी जाएगी. एक दोषी ने तो राष्ट्रपति के पास पुनर्विचार याचिका भी लगाई थी. ऐसा पता चला हैं की फांसी देने के न वक़्त 5 लोग शामिल रहते हैं, तो आज हम आपको ये बताने जा रहे हैं की जब यह फांसी दी जाती हैं तो वंहा कौन- कौन लोग मौजूद होते हैं.

क्या है ब्लैक वारंट
- नियमों के आधार पर ब्लैक वांरट लोअर कोर्ट द्वारा जारी किया जाता हैं।
- भले ही ब्लैक वांरट कोर्ट के माध्यम से जारी होता है, पर फांसी का वक्त जेल सुपरिंटेंडेंट द्वारा ही निर्धारित किया जाता हैं ।
- उसके बाद कोर्ट को सुपरिंटेंडेंट तय समय बताता हैं .
ब्लैक वारंट जारी होने के 15 दिन बाद दी जाएगी फांसी
- जब एक बार वारंट जारी हो जाता है तो फांसी से जुड़ी सभी तैयारियों में देरी नहीं की जाती हैं ।
- नियमों के मुताबिक जेल मैनुअल में ब्लैक वारंट जारी होने के 15 दिन बाद फांसी दी जाती है। लेकिन सरकार कभी किसी हालातों के वजह से इसे बदल सकती हैं .

- ट्रायल कोर्ट द्वारा ब्लैक वारंट जारी करने के बाद सेशन जज और डीजी तिहाड़ के जेल सुपरिटेंडेंट को फांसी का वक्त बताता हैं ।
- क्युकी फांसी के समय जेल में बहुत गमगीन माहौल बन जाता है, इसलिए सभी कैदी अपनी बैरक में बंद होते हैं।
यह पांच लोग होते हैं मौजूद
- जेल सुपरिटेंडेंट
- डिप्टी सुपरिटेंडेंट
- RMO (Resident Medical Officer)
- चिकित्सा अधिकारी (डॉक्टर)
- मजिस्ट्रेट या ADM