शास्त्रों की बात, जानें धर्म के साथ
दिवा’ली की रात को देवी ल’क्ष्मी धन की वर्षा कर’ती हैं, ऐसी मान्य’ताएं हैं जो जातक दिवा’ली के शुभ अवसर पर विधि वित तरीके देवी लक्ष्मी की पूजा अर्च’ना करता है। माता लक्ष्मी के उस घर में स्था’यी रूप से निवास करती हैं। बता दें इस साल दिवा’ली का पर्व 14 नंवबर को म’नाया जाएगा। बता दें अमा’वस्या तिथि नवम्बर 14, 2020 को 02:17 पी एम से प्रांरभ होकर नवम्बर 15, 2020 को 10:36 ए एम बजे तक रहेगा। ज्योतिष शास्त्र के अनुसा’र इस दिन देवी ल’क्ष्मी की पूजा के अलावा कई उपाय आदि भी किए जाते हैं, जिनसे विभिन्न प्रकार के लाभ प्राप्त होते हैं। तो आइए जा’नते हैं इस दिन किए जाने वाले खास उपा’यों आदि के बारे में-
शास्त्रों के मुता’बिक दीपा’वली का पर्व कुल पांच दिन तक माना जाता है, इसे दिवा’ली पर्व के नाम से भी जाना जाता है। बता दें ये पर्व होते हैं- धनते’रस, चर्तु’दशी, दीपा’वली, गोव’र्धन पूजा और यम द्वि’तीया। ज्यो’तिष विशे’षज्ञों के अनुसार इन पांचों दिन में जातक को दीपक चार छोटे एक बड़ा ज़रूर जला’ना चाहिए। ध्यान रहे दी’पक रखने से पहले आसन बिछा’एं फिर खील, चावल और दीपक रखें। माना जाता है इस उपाय को करने से धन की वृ’द्वि के योग बनते हैं।

जिन लोगों की अपने व्या’पार आदि में नुक’सान हो रहा हो उन्हें दिवा’ली से 1 दिन पहले यानि धन’तेरस के घर के पूजा स्थल पर लाल कपड़ा बिछा’कर उस पर धन’दा यंत्र स्था’पित करें, फिर धूप, दीप और अगर’बत्ती जलाकर नैवेद्य अ’र्पित करके श्रीं मंत्र का उच्चा’रण करें।
मंत्र-
ॐ श्रीं श्रियै नमः।
श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा ।
का’र्तिक मास की अमाव’स्या तिथि के दिन यानि दिवा’ली के दिन कमल’गट्टे की माला से नि’म्न मंत्र का जप करें। मान्य’ता है इन मंत्रों के जप से देवी ल’क्ष्मी अधि’क प्रस’न्न होती हैं।
ॐ श्रीं ह्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद श्रीं ह्रीं श्रीं ॐ महालक्ष्मयै नम:
इसके अलावा जिस जात’क ने किसी से पैसे उधार लिए हो या लंबे सम’य से किसी का धन अटका हो उसे इस रात 11 गो’मती चक्र लेक’र उन पर तिलत लगा’कर मन में अपने इष्ट देव का स्म’रण करें। इन गोमती चक्रों की पू’जा करने के बाद इन इन्हें किसी पीप’ल के पड़े के पास ज़मी’न में गाड़ दें।