दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में परीक्षा पे चर्चा कार्यक्रम में भाग लेने पहुंचीं गवर्नमेंट गल्र्स हायर सेकेंडरी स्कूल नवाबाद की छात्रा करिश्मा रैना. करिश्मा रैना ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल किया था कि उसके माता-पिता चाहते हैं कि वह बहुत अच्छे अंक लाए. माता-पिता की इस अपेक्षा के चलते वह तनाव में आ जाती है. मेरा मार्गदर्शन करें कि मैं इस तनाव से कैसे लड़ूं? जिसका जबाब PM मोदी ने कुछ इस प्रकार दिया हैं, जिसे जानकर चौक जायेंगे आप.

प्रधानमंत्री मोदी ने उदाहरण देते हुए समझाया कि जब बच्चा छोटा होता है तो माता-पिता उसे चलना सिखाते हैं. वे थोड़ी दूर खड़े होकर बच्चे को चलने के लिए प्रेरित करते हैं. बच्चा चलते हुए अगर गिर जाता है, तो माता-पिता उस पर गुस्सा नहीं करते, बल्कि उसे दोबारा खड़े होने के लिए प्रेरित करते हैं. बच्चे को चांटा नहीं मारते, ठीक इसी तरह बच्चा अगर बड़ा भी हो जाए, तो उसको प्रेरित करें न कि उस पर दबाव बनाएं. बच्चे की क्षमता को समझें. अगर हो सके तो बच्चे को उस शख्स से बात करने का मौका दें, जिससे वह अपने मन की बात खुलकर करता हो. बच्चे को जितना अधिक प्रेरित करोगे, उसे उतना ही बल मिलेगा.
करिश्मा के इस सवाल के जवाब में मोदी ने पहले चुटकी ली और फिर बच्चों की इस परेशानी को दूर करने का सुझाव उनके अभिभावकों को दिया. प्रधानमंत्री ने करिश्मा से पूछा कि यह सवाल आपके लिए है या आपके माता-पिता के लिए? आप चाहती हैं कि जो बात आप अपने माता-पिता से नहीं कर सकती, वह मोदीजी बता दें. उन्होंने चुटकी ली कि मैं बच्चों को बिगाड़ नहीं रहा हूं और न ही चाहता हूं कि बच्चे बगावत कर दें.