सोमवार को दिल्ली के मौजपुर में CAA को लेकर भड़’की हिं’सा में दिल्ली पुलिस के हेड कांस्टेबल रतन लाल की मौ’त हो गई थी. रतन लाल राजस्थान के सिकर के रहने वाले थे। दिल्ली पुलिस रतन लाल का श’व ट्रक से लेकर उनके पैतृक गांव पहुंची है. जिस ट्रक से रतन लाल का श’व उनके गाँव ले जाया जा रहा था उसके ऊपर ग़द्दा’र वाला मैसेज लिखा था।

ट्रक पर लिखा था- ‘दुश्मनों के बीच से जिं’दा आया भारत का लाल, वतन में छिपे गद्दा’रों के हाथों मरे श्री रतनलाल…. सैल्यूट.’ ट्रक पर वायुसेना के अधिकारी अभिनंदन और रतन लाल की तस्वीरें भी थीं.

आपको बता दें रतन लाल का परिवार उन्हें शही’द का दर्जा दिए जाने की मांग कर रहा है. जब उनका श’व पैतृक गांव पहुंचा तो परिजन श’व के साथ ही धरने पर बैठ गए. रतन लाल अपने पीछे तीन बच्चों, सिद्धि (13), कनक (10) और राम (8) को छोड़ गए हैं.
रतन लाल1998 में दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर भर्ती हुए थे. रतन लाल को श्रद्धां’जलि देने के लिए दिल्ली के राज्यपाल भी पहुंचे थे.

रतन लाल के छोटे भाई दिनेश ने कहा था- “रतन लाल गोकुलपुरी के सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के रीडर थे. उनका तो थाने-चौकी की पुलिस से कोई लेना-देना ही नहीं था. वो तो एसीपी साहब मौके पर गए, तो सम्मान में रतन लाल भी उनके साथ चला गया.दिनेश ने कहा था कि भीड़ ने रतन लाल को घेर लिया था और मार डाला.
दिनेश ने कहा- ‘आज तक हमने कभी अपने भाई में कोई पुलिस वालों जैसी हरकत नहीं देखी.’ वहीं, दिल्ली पुलिस के सहायक उप-निरीक्षक हीरालाल ने कहा- ‘मैं रतन लाल के साथ करीब ढाई साल से तैनात था. आज तक मैंने कभी उसे किसी की एक कप चाय तक पीते नहीं देखा.’