पछले दो महीने से दिल्ली के शाहीन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ हो रहा विरोध प्रदर्शन अभी भी जारी है. आपको बता दें कि इस सब के बीच सुप्रीम कोर्ट ने वजाहत हबीबुल्ला से प्रदर्शनकारियों से बातचीत करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा था. साथ ही कोर्ट ने दो वार्ताकार संजय हेगड़े और साधना रामचंद्रन को भी शाहीन बाग भेजा था. आपको बता दें शाहीन बाग़ को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाला था. आइये जानते हैं क्या फैसला किया गया हैं?

धरना-प्रदर्शन को लेकर बुधवार को एक बार फिर सुनवाई हुई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकल सका. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि फिलहाल इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करेंगे. हालांकि कोर्ट ने एक बार फिर दोहराया कि सार्वजनिक जगहों पर प्रर्दशन करना वाजिब नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 23 मार्च की तारीख तय की है. कोर्ट ने दिल्ली में हिंसा की घटनाओं को दुर्भाग्यपूर्ण बताया, लेकिन उससे संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई से इनकार कर दिया. शीर्ष कोर्ट ने कहा कि वार्ताकारों ने पूरी कोशिश की, लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमारे पास सिर्फ एक मामला है, शाहीन बाग में रास्ता खुलवाने को लेकर, हमने वार्ताकार भेजे थे, जिन्होंने हमे रिपोर्ट सौंपी है.
Shaheen Bagh matter: Supreme Court fixes the matter for further hearing to March 23. The court was hearing pleas seeking removal of anti-Citizenship Amendment Act protesters from Delhi’s Shaheen Bagh area. pic.twitter.com/vhT6KfzH4v
— ANI (@ANI) February 26, 2020
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली हिंसा से संबंधित याचिकाओं का निस्तारण करते हुए कहा कि हाईकोर्ट इस मामले पर विचार करेगा. न्यायालय ने कहा कि माहौल शांतिपूर्ण रहे यह सुनिश्चित करना कानून लागू करने वाले प्रशासन का काम है. कोर्ट ने कहा कि हिंसा बढ़ी है इसलिए विधि-व्यवस्था बहाल करना पहली बड़ी जिम्मेदारी है. हाईकोर्ट में इस मामले पर 12.30 बजे सुनवाई होनी है, उसके बाद होली के बाद हम सुनवाई करेंगे.