भारत ही नहीं विश्व के बहुत सारे देशों में कोरोना कहर बरपा रहा हैं. फिलहाल इस वायरस से बचने का एक ही उपाय हैं एक दुसरे से दूरी ब न के रखें. इस वायरस के कारण फिल्मों और सेरिअल्स की शूटिंग तक बंद कर दी गयी हैं. इस वायरस के कारण खेलों को भी रोक दिया गया हैं. खिलाडियों को भी खेल से दूर कर दिया गया हैं. भारत में 3 मई तक लॉकडाउन हैं. इसी क्रम में सऊदी अरब ने लिए दो ऐतिहासिक फैसले, दुनिया भर में हो रही तारीफ. जानकर आप भी दंग रह जायेंगे.

सऊदी अरब ने ना-बा-लि-ग अ-प-रा-धि-यों के लिए मृ-त्यु-दं-ड की स-जा को खत्म करने का ऐतिहासिक फैसला लिया है. सऊदी अरब में शनिवार को सार्वजनिक रूप से को-ड़े मा-र-ने की सजा को भी खत्म कर दिया गया था. सऊदी अरब का मानवाधिकारों को लेकर रिकॉर्ड बेहद खराब रहा है. हालांकि, पिछले कुछ सालों से सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान किंगडम की छवि सुधारने के लिए लगातार सुधारवादी कदम उठा रहे हैं. नाबालिग रहते हुए जिन लोगों ने अ-प-रा-ध किए हैं, सिर्फ उन्हीं को मृ-त्यु-दं-ड नहीं दिया जाएगा. मृ-त्यु-दं-ड के बजाय ना-बा-लि-ग अ-प-रा-धि-यों को अब जुवेनाइल डिटेंशन फैसिलिटी में अधिकतम 10 साल जेल की स-जा दी जाएगी.

सऊदी अरब के इस फैसले से शिया समुदाय के छह लोगों को राहत मिलेगी जिन्हें मृ-त्यु-दं-ड दिया गया है. इन पर अरब स्प्रिंग आंदोलन के दौरान सरकार-वि-रो-धी प्रदर्शनों में शामिल होने का दो-षी पाया गया था. उस वक्त इनकी उम्र 18 साल से कम थी. संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने पिछले साल सऊदी अरब से अपील की थी कि वह इनकी फां-सी रोक दे.