पति-पत्नी के जीवन में बेडरूम की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. बेडरूम में रात को सोने से लेकर सुबह उठने तक के समय में पति-पत्नी के बीच नजदीकियां भी बढ़ सकती हैं और दूरियां भी. ऐसे में किसी भी प्रकार की विपरीत परिस्थिति से बचने के लिए वास्तु के अनुसार बताई गई बातों का ध्यान रखना भी बहुत जरूरी है. यदि पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल अच्छा हो और कमरे में कोई वास्तु दोष हो तो वैवाहिक जीवन में पूर्ण संतुष्टि नहीं मिल पाती है. आइये आपको बतातें हैं ऐसी 10 बातें जिसे जानकर आप अपने जीवन में सुखी रह सकते हैं.

1.मुख्य शयन कक्ष, जिसे मास्टर बेडरूम भी कहा जाता हें, घर के दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम की ओर होना चाहिए. 2.अगर घर में एक मकान की ऊपरी मंजिल है, तो मास्टर ऊपरी मंजिल के दक्षिण-पश्चिम कोने में होना चाहिए. 3.शयन कक्ष में सोते समय हमेशा सिर दीवार से सटाकर सोना चाहिए. पैर दक्षिण और पूर्व दिशा में करने नहीं सोना चाहिए. 4.उत्तर दिशा की ओर पैर करके सोने से स्वास्थ्य लाभ तथा आर्थिक लाभ की संभावना रहती है. 5.पश्चिम दिशा की ओर पैर करके सोने से शरीर की थकान निकलती है, नींद अच्छी आती है. दीवार में दरारें हों तो उसकी मरम्मत करवा दें.

6.बिस्तर के सामने आईना कतई न लगाएं. डबलबेड के गद्दे दो हिस्सों में न हो. शयन कक्ष में धार्मिक चित्र नहीं होना चाहिए. बेडरूम में लाल रंग का बल्ब नहीं होना चाहिए. नीले रंग का लैम्प चलेगा. 7.खराब बिस्तर, तकिया, परदे, चादर, रजाई आदि नहीं रखें. 8.इस कक्ष में टूटा पलंग नहीं होना चाहिए. पलंग का आकार यथासंभव चौकोर रखना चाहिए. पलंग की स्थापना छत के बीम के नीचे नहीं होनी चाहिए. 9.बेडरूम के दरवाजे के सामने पलंग न लगाएं. लकड़ी से बना पलंग श्रेष्ठ रहता है. 10.बेडरूम में झाड़ू, जूते-चप्पल, अटाला, इलेक्ट्रॉनिक आइटम, टूटे और आवाज करने वाले पंखें, टूटी-फूटी वस्तुएं, फटे-पुराने कपड़े या प्लास्टिक का सामान न रखें.